ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों से By Sher << रास आए तुम को मुल्क-ए-इश्... शोर में नफ़रत के मेरी बात... >> ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों से फ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है Share on: