ख़ुदा जाने दुआ थी या शिकायत लब पे बिस्मिल के By Sher << ख़ून-ए-जिगर के क़तरे और अ... कहने को लफ़्ज़ दो हैं उम्... >> ख़ुदा जाने दुआ थी या शिकायत लब पे बिस्मिल के नज़र सू-ए-फ़लक थी हाथ में दामान-ए-क़ातिल था Share on: