ख़ुदा कातिब की सफ़्फ़ाकी से भी महफ़ूज़ फ़रमाए By Sher << मिलने को यूँ तो मिलते थे ... वो करे बात तो हर लफ़्ज़ स... >> ख़ुदा कातिब की सफ़्फ़ाकी से भी महफ़ूज़ फ़रमाए अगर नुक़्ता उड़ा दे नाम-ज़द नामर्द हो जाए Share on: