ख़ुदा की ख़मोशी में शायद हो उस का वजूद By Sher << उसे देखने की थी आरज़ू मुझ... वक़्त की क़ब्र में उल्फ़त... >> ख़ुदा की ख़मोशी में शायद हो उस का वजूद ज़माना हुआ नाम अपना पुकारे हुए Share on: