वक़्त की क़ब्र में उल्फ़त का भरम रखने को By Sher << ख़ुदा की ख़मोशी में शायद ... पहुँच ही जाएगा ये हाथ तेर... >> वक़्त की क़ब्र में उल्फ़त का भरम रखने को अपनी ही लाश उतारी है तुम्हें क्या मालूम Share on: