ख़्वाबों की मैं ने एक इमारत बनाई और By Sher << किस की ख़ातिर उजाड़ रस्ते... ख़ुदा करे कि खुले एक दिन ... >> ख़्वाबों की मैं ने एक इमारत बनाई और यादों का उस में एक दरीचा बना लिया Share on: