ख़ुदा करे कि खुले एक दिन ज़माने पर By Sher << ख़्वाबों की मैं ने एक इमा... हवा-ए-ताज़ा का झोंका इधर ... >> ख़ुदा करे कि खुले एक दिन ज़माने पर मिरी कहानी में जो इस्तिआरा ख़्वाब का है Share on: