ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत By Sher << मिरी निगाह में वो रिंद ही... तुझ को ख़बर नहीं मगर इक स... >> ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर दूर जाने की बहुत शौक़ लेकिन दिल में वापस लौट कर आने का था Share on: