तुझ को ख़बर नहीं मगर इक सादा-लौह को By Sher << ख़्वाहिशें हैं घर से बाहर... निकालूँ किस तरह सीने से अ... >> तुझ को ख़बर नहीं मगर इक सादा-लौह को बर्बाद कर दिया तिरे दो दिन के प्यार ने Share on: