खिला रहेगा किसी याद के जज़ीरे पर By याद, Sher << महव-ए-लिक़ा जो हैं मलकूती... मैं अपने दुश्मनों का किस ... >> खिला रहेगा किसी याद के जज़ीरे पर ये बाग़ मैं जिसे वीरान करने वाला हूँ Share on: