खुली है कुंज-ए-क़फ़स में मिरी ज़बाँ सय्याद By Sher << बात पर वाँ ज़बान कटती है उसी ने बख़्शा है मुझ को श... >> खुली है कुंज-ए-क़फ़स में मिरी ज़बाँ सय्याद मैं माजरा-ए-चमन क्या करूँ बयाँ सय्याद Share on: