खुली ज़बान तो ज़र्फ़ उन का हो गया ज़ाहिर By Sher << उल्फ़त के बदले उन से मिला... कोई दीवाना कहता है कोई पा... >> खुली ज़बान तो ज़र्फ़ उन का हो गया ज़ाहिर हज़ार भेद छुपा रक्खे थे ख़मोशी में Share on: