'ख़ुर्शीद' अब कहाँ है किसी को पता नहीं By Sher << मक़ाम जिन का मुअर्रिख़ के... जो तमाम उम्र रहा सबब की त... >> 'ख़ुर्शीद' अब कहाँ है किसी को पता नहीं गुज़रा तो था किसी का पता पूछता हुआ Share on: