ख़ुर्शीद मिसाल शख़्स कल शाम By Sher << ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक द... खा गया इंसाँ को आशोब-ए-मआ... >> ख़ुर्शीद मिसाल शख़्स कल शाम मिट्टी के सुपुर्द कर दिया है Share on: