'शाद' इतनी बढ़ गई हैं मेरे दिल की वहशतें By Sher << थे जिस का मरकज़ी किरदार ए... रूप रंग मिलता है ख़द्द-ओ-... >> 'शाद' इतनी बढ़ गई हैं मेरे दिल की वहशतें अब जुनूँ में दश्त और घर एक जैसे हो गए Share on: