रूप रंग मिलता है ख़द्द-ओ-ख़ाल मिलते हैं By Sher << 'शाद' इतनी बढ़ गई... रेज़ा रेज़ा कर दिया जिस न... >> रूप रंग मिलता है ख़द्द-ओ-ख़ाल मिलते हैं आदमी नहीं मिलता आदमी के पैकर में Share on: