ख़ुशनुमा दाएरे बनते ही चले जाते हैं By Sher << आ मेरे पास और कभी इस तरह ... हमारा कोह-ए-ग़म क्या संग-... >> ख़ुशनुमा दाएरे बनते ही चले जाते हैं दिल के तालाब में फेंका है ये कंकर किस ने Share on: