इसी ख़ातिर तो क़त्ल-ए-आशिक़ाँ से मनअ' करते थे By Sher << जब ख़फ़ा होता है तो यूँ द... इस ख़जालत ने अबद तक मुझे ... >> इसी ख़ातिर तो क़त्ल-ए-आशिक़ाँ से मनअ' करते थे अकेले फिर रहे हो यूसुफ़-ए-बे-कारवाँ हो कर Share on: