किधर को जाऊँ हवाओं की क़ैद से छुट कर By Sher << वो चाहता है महीना कटे न ज... मिरी आदत मुझे पागल नहीं ह... >> किधर को जाऊँ हवाओं की क़ैद से छुट कर ज़मीन तंग हुई और रास्ता ग़ाएब Share on: