वो चाहता है महीना कटे न जल्दी से By Sher << दुनिया बदल गई थी कोई ग़म ... किधर को जाऊँ हवाओं की क़ै... >> वो चाहता है महीना कटे न जल्दी से किराए-दार के दुख भी अजीब होते हैं Share on: