किस के बदन की नर्मियाँ हाथों को गुदगुदा गईं By Sher << अपने चेहरे से जो ज़ुल्फ़ो... बस इतना याद है तुझ से मिल... >> किस के बदन की नर्मियाँ हाथों को गुदगुदा गईं दश्त-ए-फ़िराक़-ए-यार को पहलू-ए-यार कर दिया Share on: