किस को ग़म है जो करे मर्सिया-ख़्वानी मेरी By Sher << उस गुल-बदन की बू-ए-बदन कु... अपनी क़िस्मत में सभी कुछ ... >> किस को ग़म है जो करे मर्सिया-ख़्वानी मेरी रो रही है मिरे मरक़द पे जवानी मेरी Share on: