किस पर नहीं रही है इनायत हुज़ूर की By Sher << किसी का रुख़ हमें क़ुरआन ... किधर का चाँद हुआ 'मेह... >> किस पर नहीं रही है इनायत हुज़ूर की साहब नहीं मुझी पे तुम्हारा करम फ़क़त Share on: