किस शान से गए हैं शहीदान-ए-कू-ए-यार By Sher << फिर गई इक और ही दुनिया नज... हुई मुद्दत कि उन को ख़्वा... >> किस शान से गए हैं शहीदान-ए-कू-ए-यार क़ातिल भी हाथ उठा के शरीक-ए-दुआ हुए Share on: