किसी जानिब से कोई मह-जबीं आने ही वाला है By याद, Sher << ख़ुश-नुमा लफ़्ज़ों की रिश... काबा भी हम गए न गया पर बु... >> किसी जानिब से कोई मह-जबीं आने ही वाला है मुझे याद आ रही है आज मथुरा और काशी की Share on: