किसी किसी को थमाता है चाबियाँ घर की By Sher << लोग पत्थर के थे फ़रियाद क... जो आप कहें उस में ये पहलू... >> किसी किसी को थमाता है चाबियाँ घर की ख़ुदा हर एक को अपना पता नहीं देता Share on: