लोग पत्थर के थे फ़रियाद कहाँ तक करते By Sher << बिछड़ा वो मुझ से ऐसे न बि... किसी किसी को थमाता है चाब... >> लोग पत्थर के थे फ़रियाद कहाँ तक करते दिल के वीराने हम आबाद कहाँ तक करते Share on: