क़िस्मत के बाज़ार से बस इक चीज़ ही तो ले सकते थे By Sher << आते आते राह पर वो आएँगे अगरचे रोज़ मिरा सब्र आज़म... >> क़िस्मत के बाज़ार से बस इक चीज़ ही तो ले सकते थे तुम ने ताज उठाया मैं ने 'ग़ालिब' का दीवान लिया Share on: