किसू मशरब में और मज़हब में By Sher << तिरे जमाल की तस्वीर खींच ... पैरहन चुस्त हवा सुस्त खड़... >> किसू मशरब में और मज़हब में ज़ुल्म ऐ मेहरबाँ नहीं है दुरुस्त Share on: