पैरहन चुस्त हवा सुस्त खड़ी दीवारें By Sher << किसू मशरब में और मज़हब मे... उस गली ने ये सुन के सब्र ... >> पैरहन चुस्त हवा सुस्त खड़ी दीवारें उसे चाहूँ उसे रोकूँ कि जुदा हो जाऊँ Share on: