कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ By Sher << मेरी फ़िक्र की ख़ुशबू क़ै... मैं संग-ए-रह हूँ तो ठोकर ... >> कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की Share on: