क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल By Sher << सितारा-ए-ख़्वाब से भी बढ़... ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखो... >> क्यूँ उजड़ जाती है दिल की महफ़िल ये दिया कौन बुझा देता है Share on: