कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे By Sher << यहाँ किसी को कोई रास्ता न... निगह बुलंद सुख़न दिल-नवाज... >> कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे एक रफ़्तार से दिन रात बराबर बरसे Share on: