यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता By Sher << की तर्क मैं ने शैख़-ओ-बरह... कोई बादल हो तो थम जाए मगर... >> यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो Share on: