कोई बतलाता नहीं आलम में उस के घर की राह By Sher << तेरी बातों से आज तो वाइज़ पत्थर न फेंक देख ज़रा एहत... >> कोई बतलाता नहीं आलम में उस के घर की राह मारता फिरता हूँ अपने सर को दीवारों से आज Share on: