कोई दस्तक न कोई आहट थी By Sher << मिट्टी ख़राब है तिरे कूचे... यक क़दम राह-ए-दोस्त है &#... >> कोई दस्तक न कोई आहट थी मुद्दतों वहम के शिकार थे हम Share on: