कोई क्या जाने कि है रोज़-ए-क़यामत क्या चीज़ By Sher << वो चार आँखें कभी करते नही... गुल ही इस बाग़ से जाने पे... >> कोई क्या जाने कि है रोज़-ए-क़यामत क्या चीज़ दूसरा नाम है मेरी शब-ए-तन्हाई का Share on: