कोई तश्बीह का ख़ुर्शीद न तलमीह का चाँद By Sher << मरने के बअ'द कोई पशेम... मैं दिल को चीर के रख दूँ ... >> कोई तश्बीह का ख़ुर्शीद न तलमीह का चाँद सर-ए-क़िर्तास लगा हर्फ़-ए-बरहना अच्छा Share on: