मरने के बअ'द कोई पशेमाँ हुआ तो क्या By Sher << ढूँढती फिरती हैं जाने मिर... कुछ भी देखा नहीं था मैं न... >> मरने के बअ'द कोई पशेमाँ हुआ तो क्या मातम-कदा जो गोर-ए-ग़रीबाँ हुआ तो क्या Share on: