क्यूँ हुआ मुझ को इनायत की नज़र का सौदा By Sher << मेरी दुनिया में अभी रक़्स... कोई तो ख़ैर का पहलू भी नि... >> क्यूँ हुआ मुझ को इनायत की नज़र का सौदा आज रुस्वाई ही रुस्वाई है कुछ और नहीं Share on: