कुछ इख़्तियार किसी का नहीं तबीअत पर By Sher << वो मुझ से पूछते हैं कि रो... है ईद का दिन आज तो लग जाओ... >> कुछ इख़्तियार किसी का नहीं तबीअत पर ये जिस पे आती है बे-इख़्तियार आती है Share on: