कुछ लोग थे सफ़र में मगर हम-ज़बाँ न थे By Sher << मैं अपने सारे सवालों के ज... जब आईने दर-ओ-दीवार पर निक... >> कुछ लोग थे सफ़र में मगर हम-ज़बाँ न थे है लुत्फ़ गुफ़्तुगू का जो अपनी ज़बाँ में हो Share on: