कुछ शेर-ओ-शायरी से नहीं मुझ को फ़ाएदा By Sher << वो दिल ले के ख़ुश हैं मुझ... या-रब ज़माना मुझ को मिटात... >> कुछ शेर-ओ-शायरी से नहीं मुझ को फ़ाएदा इल्ला हुसूल-ए-काविश-ए-बे-जा-ए-ख़ल्क़ है Share on: