कुफ़्र ओ इस्लाम के झगड़े को चुका दो साहब By Sher << वो चाँद है तो अक्स भी पान... मुझ से कहा जिब्रील-ए-जुनू... >> कुफ़्र ओ इस्लाम के झगड़े को चुका दो साहब जंग आपस में करें शैख़ ओ बरहमन कब तक Share on: