मुझ से कहा जिब्रील-ए-जुनूँ ने ये भी वही-ए-इलाही है By Sher << कुफ़्र ओ इस्लाम के झगड़े ... तेरे बाज़ार-ए-दहर में गर्... >> मुझ से कहा जिब्रील-ए-जुनूँ ने ये भी वही-ए-इलाही है मज़हब तो बस मज़हब-ए-दिल है बाक़ी सब गुमराही है Share on: