क्यूँकि होवे ज़ाहिद ख़ुद-बीं मुरीद-ए-ज़ुल्फ़-ए-यार By Sher << मिली है दुख़्तर-ए-रज़ लड़... मुझ को भी पहले-पहल अच्छे ... >> क्यूँकि होवे ज़ाहिद ख़ुद-बीं मुरीद-ए-ज़ुल्फ़-ए-यार उस ने सारी उम्र में ज़ुन्नार कूँ देखा न था Share on: