मिली है दुख़्तर-ए-रज़ लड़-झगड़ के क़ाज़ी से By Sher << साक़ी मुझे शराब की तोहमत ... क्यूँकि होवे ज़ाहिद ख़ुद-... >> मिली है दुख़्तर-ए-रज़ लड़-झगड़ के क़ाज़ी से जिहाद कर के जो औरत मिले हराम नहीं Share on: