मिरी दहलीज़ पर चुपके से 'पाशी' By Sher << नई बहार का मुज़्दा बजा सह... ज़मीन की कोख ही ज़ख़्मी न... >> मिरी दहलीज़ पर चुपके से 'पाशी' ये किस ने रख दी मेरी लाश ला कर Share on: