क्या अदा से आवे है दीवाना कर के सैर-ए-बाग़ By Sher << या ख़ुदा दर्द-ए-मोहब्बत म... ये न थी हमारी क़िस्मत कि ... >> क्या अदा से आवे है दीवाना कर के सैर-ए-बाग़ फूल कानों में तो हैं ख़ार-ए-मुग़ीलाँ हाथ में Share on: