क्या बदन है कि ठहरता ही नहीं आँखों में By Sher << लोग यूँ जाते नज़र आते हैं... किसी कली किसी गुल में किस... >> क्या बदन है कि ठहरता ही नहीं आँखों में बस यही देखता रहता हूँ कि अब क्या होगा Share on: